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शिक्षा केवल पुस्तकीय न होकर अनुभवात्मक होनी चाहिए : डॉ. मणिवनन सुमन

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज में सोमवार को एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. मणिवनन सुमन (वाइस चान्सलर लिमकॉकविंग यूनिवर्सिटी ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी मलेशिया) ने संस्थान के प्रबंधन वर्ग के छात्र छात्राओं को संबोधित किया।

उन्होंने बताया कि आज की जो शिक्षा प्रणाली है वह अवश्य ही स्थायी, रोजगारपरक होनी चाहिए। उनके अनुसार, शिक्षा केवल पुस्तकीय न होकर अनुभवात्मक होनी चाहिए। आज सोशल मीडिया के युग में नेटवर्किंग की महत्ता को आसानी से समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि नेटवर्किंग अपने कार्य व्यापार को सशक्त करने का एक उचित माध्यम है। छात्र छात्राओं को आजीवन अपनी क्षमताओं का आकलन करते रहना चाहिए, जिससे वह भिन्न भिन्न वातावरण में कुशलता पूर्वक योगदान कर सकें।

संस्थान के सचिव व मुख्य कार्यकारी अधिकारी शरद सिंह ने डॉ. सुमन का अभिनन्दन करते हुए कहाकि संस्थान में अध्ययनरत छात्र छात्राओं का वैश्विक विकास होना आज के युग में अति आवश्यक है। हमारा संस्थान विश्व के उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ सहयोग प्राप्त करने के लिए तत्पर है। व्याख्यान में संस्थान के निदेशक डॉ. आशीष भटनागर (महानिदेशक तकनीकी), डॉ. भरतराज सिंह के साथ ही केके बाजपेई (निदेशक एसआईएफटीडी वाराणसी) ने भी भाग लिया।