ब्रह्मसमाज के एकीकरण तथा इस शक्ति को महाशक्ति के रूप में प्रस्तुत करने के संकल्प पर केन्द्रित होगा अधिवेशन
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। जगद्गुरु आदि शंकराचार्य की प्रेरणा से भारत की सनातन संस्कृति, ज्ञान और गौरवशाली मूल्यों की पुनर्स्थापना, ब्रह्मसमाज का एकीकरण तथा इस शक्ति को महाशक्ति के रूप में प्रस्तुत करने के उद्देश्य के साथ श्रीमद्जगद्गुरु शंकराचार्य अनंत श्रीविभूषित अमृतानंद देवतीर्थ, शारदा सर्वग्य पीठम श्रीनगर कश्मीर की प्रेरणा व् अध्यक्षता में शेषावतार लक्ष्मण की नगरी लखनऊ के संगीत नाटक अकादमी गोमती नगर में 24 फ़रवरी को ब्रह्मसागर अपना द्वितीय अधिवेशन का आयोजन करने जा रहा है।
ब्रह्मसागर के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व प्रशासनिक अधिकारी (IAS Retd) कैप्टन एसके द्विवेदी ने बताया कि द्वितीय वार्षिक अधिवेशन में एक मंथन शिविर, ब्रह्मसागर-सन्देश नामक स्मारिका का विमोचन तथा देश के विभिन्न अंचलों से पधारे ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधि विप्रजनों को सम्मानित करने का कार्यक्रम किया जायेगा। उक्त कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित होगा। पहले सत्र में राज्यसभा सदस्य व पूर्व डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा और द्वितीय सत्र में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे। वहीं उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी और चिन्मय मिशन के प्रमुख संत ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य जी महाराज को भी आमंत्रित किया गया है।
गुरुवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक वार्षिक अधिवेशन में देश के कोने कोने से प्रख्यात आध्यात्मिक धर्मगुरु, चिंतक, वैज्ञानिक, शिक्षाविद, वैदिक मर्मज्ञ, सनातनी इतिहासकार, तकनीकी विशेषज्ञ, प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी आदि सहित मनीषा जगत की महान विभूतियों ने भाग लेने की सहमति प्रदान की।
आचार्य कौशिक चैतन्य जी, सहित देश के अलग अलग अंचलों से पधारने वाले अध्यात्मिक जगत और मनीषा जगत सहित सभी विद्वतजन भारत की सनातन संस्कृति, शिक्षा और ज्ञान को केंद्र में रखकर भारत को विश्व स्तर पर पुनः उसके तीनों आयामों भौतिक, बौध्दिक और अध्यात्मिक उत्कृष्टता के साथ वैभवशाली गौरवशाली मूल्यों मर्यादाओं को पुनर्जीवित करने पर अपने अपने विचार रखेंगे।
इस अवसर पर ब्रह्मसागर परिवार के अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों सहित भारी संख्या में सदस्य और ब्राह्मण समाज के विप्रजन उपस्थित रहेंगे।