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ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाएगी लोटस टीएमटी मेडिकल बस, डिप्टी सीएम ने किया शुभारंभ

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ग्रामीण भारत में किसी भी समय और कहीं भी चिकित्सकीय सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से लोटस टीएमटी मेडिकल बस का शुभारंभ बुधवार को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया। बीडीजी रमेश गोयल सेवा संस्थान ने भारत की इस सबसे बड़ी हॉस्पिटल ऑन व्हील्स सेवा को लॉन्च किया है। 32 फीट लंबी लोटस टीएमटी मेडिकल बस बीडीजी मेटल एंड पावर लिमिटेड द्वारा प्रायोजित है और इसे आनंदलोक अस्पताल, कोलकाता द्वारा चिकित्सा सहायता प्रदान की जाती है। यह विशेष रूप से दूरदराज, कठिन और पहुंच से वंचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच को सुविधाजनक बनाने की एक महत्वपूर्ण रणनीति है। इस रणनीति का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा को विशेष रूप से ग्रामीण, कमजोर और कम सेवा वाले क्षेत्रों में रहने वाली आबादी के  दरवाजे तक ले जाना है। पिछले 18 महीनों में इस मेडिकल बस ने लगभग 23 हजार किलोमीटर की यात्रा करते हुए 400 शिविरों में लगभग 56,000 मरीजों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई हैं।

इस अवसर पर धीरज ओझा (पूर्व विधायक), अनुप सिंह (समाजसेवी जरियारी), सुमित भट्ट (बीडीजी समूह के निदेशक), राजीव कुमार मिश्रा (संयोजक – बीडीजी आरजीएसएस), विजय सिंह (एरिया मैनेजर बीडीजी ग्रुप उत्तरप्रदेश) सहित अन्य गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने लोटस टीएमटी मेडिकल बस की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को काफी लाभ मिलेगा। उक्त मेडिकल बस के द्वारा नेत्र परीक्षण एवं चिकित्सा, दन्त परीक्षण एवं चिकित्सा, पैथोलॉजी प्रयोगशाला, सामान्य चिकित्सा, इलेक्ट्रो काडियोग्राफी, एक्सरे सहित कई सुविधाएँ रोगियों के लिए वरदान साबित होगी।

इस 32 फीट लंबी मेडिकल बस के अंदर महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ जैसे आँखों की जाँच और उपचार, दाँतों की जाँच और उपचार और एक सामान्य क्लिनिक है। इसमें परीक्षण, एक्स-रे और ईसीजी सुविधाओं के लिए एक प्रयोगशाला भी है। साथ ही, यह लोगों की मदद के लिए कई अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान करता है।

इस बस की सेवाएँ लगभग मुफ़्त हैं, प्रति सेवा मात्र 10 रुपये का टोकन दान के रूप में लिया जाता है। इस राशि का उपयोग उन लोगों को मुफ्त चिकित्सा सहायता प्रदान करने में किया जाता है, जो इलाज का खर्च नहीं उठा सकते हैं।