मानवतावादी कवि हैं लक्ष्मण प्रसाद मित्र : प्रो. दीक्षित
आधुनिक अवधी की वृहत्रयी तिरबेनी का लोकार्पण
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। प्रख्यात अवधी साहित्यकार स्व. लक्ष्मण प्रसाद मित्र की स्मृति में प्रतिवर्ष दिया जाने वाला मित्र स्मृति अवधी सम्मान 2024 आलोचक समीक्षक और कथाकार डॉ. विनय दास को दिया गया। हजरतगंज स्थित यूपी प्रेस क्लब में शुक्रवार को आयोजित समारोह में डा. रामबहादुर मिश्र प्रणीत आधुनिक अवधी की वृहदत्रयी बलभद्र प्रसाद दीक्षित ‘पढ़ीस’, वंशीधर शुक्ल और चन्द्रभूषण त्रिवेदी ‘रमई काका’ की अवधी रचनाधर्मिता पर केन्द्रित कृति ‘तिरबेनी’ का लोकार्पण भी हुआ।
अध्यक्षीय वक्तव्य में लखनऊ विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित ने कहाकि मित्र जी का रचनाकाल 1928-29 के आस-पास प्रारम्भ हुआ। वे मूलतः अवधी के कवि और साहित्यकार हैं तथापि उनकी प्रतिभा का विकास खड़ी बोली के क्षेत्र में दिखाई पड़ता है। वे प्रमुख रुप से मानवतावादी कवि हैं।
मुख्य अतिथि वीरेन्द्र सारंग ने विनयदास को बधाई देते हुए मित्र जी की रचनाधर्मिता और उनके अवधी साहित्यिक अवदान पर चर्चा की। प्रवासी संसार के सम्पादक डा. राकेश पाण्डेय ने अवधी डायस्पोरा की चर्चा करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीयों ने विदेशों में अवधी की भाषाई संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन किया है इसके मूल में रामचरितमानस है।
डॉ. संतलाल ने कहा कि मित्र जी की रचनाओं में देश प्रेम की धार है, शोषित समाज का दर्द तथा स्वातंत्र्य आंदोलन और ग्राम्य संस्कृति पूरे वैभव के साथ उपस्थित है।साहित्यकार अंजनी सिंह ने कहा कि मित्र जी अवधी और खड़ी बोली के समर्थ रचनाकार हैं, उनकी काव्यशैली सहज, बोधगम्य, परिष्कृत और प्रवाहमयी है।
अजय प्रधान ने मित्र जी की अवधी कविताओं का पाठ किया। साहित्यकार डॉ. विनय दास ने लक्ष्मण प्रसाद ‘मित्र’ सेवा संस्थान का आभार व्यक्त करते हुए मित्र जी के समग्र साहित्य को हिन्दी जगत की अमूल्य निधि बताया तो मित्र जी की वयोवृद्ध बेटी मनोरमा साहू ने मित्र जी की स्मृतियों को साझा किया।
डॉ. रामबहादुर मिश्र ने समारोह में उपस्थित सभी साहित्यकारों का स्वागत किया और संस्थान के अध्यक्ष अजय साहू ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप सारंग ने किया। डॉ. विनय दास को सम्मान स्वरूप ग्यारह हजार रूपये की धनराशि, स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से हरिशंकर दीक्षित, अनिल मिश्र, रंगकर्मी अजय द्विवेदी, डा. सत्या सिंह, इकबाल बहादुर राही, विष्णु त्रिपाठी, प्रदीप धवल, डा. एसके गोपाल, जादूगर सुरेश कुमार, प्रीति साहू, गौरव साहू, दिव्या साहू, राकेश साहू आदि उपस्थित रहे।