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इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन : वर्कशॉप्स के साथ 68वें वार्षिक सम्मेलन “आईओए कॉन्फ्रेंस 2023” का आगाज

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के 68वें वार्षिक सम्मेलन, “आईओए कॉन्फ्रेंस 2023” का बुधवार को आगाज हो गया। 17 दिसंबर तक एकाना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित होने वाले इस मेगा इवेंट में आर्थोपेडिक्स के क्षेत्र में वैश्विक विशेषज्ञ अपनी विशेषज्ञता साझा करने और नई मेडिकल टेक्नोलॉजीज पर चर्चा में शामिल होने के लिए  मंच साझा करेंगे।

बुधवार को आईओए कॉन्फ्रेंस 2023 की शुरुआत ज्ञानवर्धक व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने वाले कई प्री कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप्स के साथ हुई। सम्मेलन का उद्देश्य, “नेविगेटिंग इनटू द फ्यूचर” भारत और दुनिया भर में आर्थोपेडिक स्वास्थ्य सेवाओं को आगे बढ़ाने के लिए आईओए की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

डॉ. ललित मैनी के नेतृत्व में 3डी प्रिंटिंग एवं ऑगमेंटेड रियलिटी वर्कशॉप का आयोजन डॉ. सैफ शाह द्वारा किया गया। डॉ. राजेश मल्होत्रा ने आर्थ्रोप्लास्टी हिप सेशन में अपनी प्रस्तुति दी, जिसके संयोजक डॉ. सौरव शुक्ला थे। डॉ. सचिन तपस्वी की अध्यक्षता में आयोजित आर्थ्रोस्कोपी नी वर्कशॉप का संचालन डॉ. आशीष कुमार द्वारा किया गया।

डॉ. अजय सिंह ने पीडियाट्रिक में आर्थोपेडिक्स वर्कशॉप का नेतृत्व किया, जबकि डॉ. रमेश सेन पेलवी-एसिटाबुलर (कैडेवेरिक) ने सेशन की अध्यक्षता की, डॉ. धर्मेंद्र कुमार इस सत्र संयोजक थे।  डॉ. अनूप अग्रवाल के मार्गदर्शन में एओ बेसिक कोर्स के संयोजक डॉ. मयंक महेंद्र थे। डॉ. एसकेएस मार्या ने आर्थ्रोप्लास्टी नी वर्कशॉप का नेतृत्व किया और डॉ. संदीप कपूर इसके संयोजक थे। डॉ. संजय रस्तोगी ने नी ऑस्टियोटॉमी एंड प्रिजर्वेशन वर्कशॉप की अध्यक्षता की और डॉ. संतोष सिंह इस वर्कशॉप के संयोजक थे।

इसके अतिरिक्त, डॉ. एस. राजशेखरन के नेतृत्व में स्पाइन (कैडेवेरिक) वर्कशॉप के संयोजक डॉ. शाह वलीउल्लाह थे। जबकि ट्रॉमा प्रॉक्सिमल फीमर वर्कशॉप की अध्यक्षता डॉ. धवल देसाई ने की और डॉ. पी. शमशेरी संयोजक के रूप में उपस्थित रहे।

डॉ. संतोष सिंह (ट्रेजरार, आईओए कॉन्फ्रेंस 2023) ने बताया “सम्मेलन का विषय, ‘नेविगेटिंग इनटू द फ्यूचर’, भारत और दुनिया भर में आर्थोपेडिक स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने के लिए आईओए की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस आयोजन के दौरान विभिन्न वर्कशॉप्स में प्रसिद्ध विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विषयों पर  केस स्टडीज और इंस्ट्रक्शनल लेक्चर प्रस्तुत किए गए।”