लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे डेस्क)। सर्दियों के मौसम में एक तो गिरता तापमान और प्रदूषण के कारण वातावरण में फैली स्मॉग से आपकी त्वचा पर दोहरी मार का कारण बनती है। सर्दियों में तापमान कम होने से हवा शुष्क हो जाती है, जिससे त्वचा रूखी और बेजान होने लगती है। दूसरी ओर, स्मॉग में मौजूद प्रदूषक त्वचा को नुकसान पहुंचाकर झुर्रियां, दाग-धब्बे और अन्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। स्मॉग केवल बाहरी तौर पर ही नहीं शरीर में अंदरूनी तौर पर भी कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करता है, जिससे त्वचा भी प्रभावित होती है।
स्किनक्योर क्लीनिक की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. आकांक्षा जुयाल ने बताया, “सर्दियों के मौसम में हर किसी की त्वचा सूखी होने लग जाती है। यह रूखापन इस पर निर्भर करता है कि किसकी नैचुरल स्किन का मॉइस्चर लेवल या नैचुरल स्किन का ऑयल लेवल क्या है। जिनकी ड्राई स्किन है, उनकी बहुत सर्दियों में अपना मॉइस्चर लेवल बनाकर रखना जरूरी है। इसके लिए शरीर का हाइड्रेशन लेवल मेंटेन रखना जरूरी होता है। ड्राई स्किन में हर किस्म का डैमेज भी ज्यादा हो सकता है। सर्दियों के मौसम में एक्जिमा, स्किन में ड्राई पैचेस बनकर खुजली होने लग जाती है, पानी निकलने लग जाता है। एक्जीमा भी सर्दियों में बढ़ता है, एलर्जी भी बढ़ सकती है। इसके अलावा डैमेज स्किन पर पिगमेंटेशन के भी चांसेस बढ़ जाते हैं।”
डॉ. आकांक्षा जुयाल के मुताबिक स्मॉग में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर त्वचा के रोम छिद्रों को बंद कर देते हैं और कार्बन एजिंग प्रोसेस को बढ़ा देता है। स्मॉग न केवल ऊपरी त्वचा को नुकसान पहुंचाता है बल्कि शरीर के अंदर जाकर फेफड़ों सहित कई अंगों को प्रभावित कर इंसान को बीमार बना देता है। इस बीमारी का असर त्वचा पर भी पड़ता है। देखा जाए तो स्मॉग स्किन पर दोहरी मार करता है। इसलिए सर्दियों में त्वचा को लेकर बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।
डॉक्टरों के मुताबिक यदि स्किन पर सूखापन ज्यादा बढ़ जाए और लगातार खुजली बढ़ जाए तो ऐसे में अपने से कोई इलाज करने के बजाय तुरंत डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लेकर दवा का इस्तेमाल करना चाहिए। सर्दियों में त्वचा पर कई तरह की समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि मुंहासे, एक्जिमा, सोरायसिस आदि। इन समस्याओं का इलाज क्वालिफाइड डर्मेटोलॉजिस्ट की देखरेख में किया जाना चाहिए।