– विश्वविद्यालय ने सरकारी संस्थानों को निर्धारित शुल्क जमा कर वीडियो बनाने की दी है सुविधा
– आधुनिक कैमरे और साउंड सिस्टम से लैस स्टूडियो है पूरी तरह से साउंड प्रूफ
लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में विश्वस्तरीय हाईटेक स्टूडियो भी है। जिसमें विश्वविद्यालय की ओर से तकनीकी छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा के लिए पाठ्यक्रमों को रिकॉर्ड किया जाता है। अब विश्वविद्यालय ने अन्य सरकारी संस्थानों को भी स्टूडियो को इस्तेमाल करने की सुविधा दी है। कुलपति प्रो0 जेपी पांडेय के निर्देश पर यह पहल की गयी है। कोई भी सरकारी संस्थान विश्वविद्यालय के स्टूडियो का प्रयोग निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद कर सकता है।
स्टूडियो में है आधुनिक सुविधाएं
विश्वविद्यालय में स्थापित स्टूडियो आधुनिक सुविधाओं से लैस है। स्टूडियो में हाई रिजोल्यूशन के कैमरे के साथ रोबोटिक कैमरा भी लगा है। साथ ही लाइटिंग सिस्टम के अलावा हाई क्वालिटी का साउंड सिस्टम भी लगा है। वहीं, स्टूडियो पूरी तरह से साउंड प्रूफ भी है। इसके अलावा वीडियो एडिट करने के लिए उच्च क्षमता वाला कम्प्यूटर सिस्टम भी लगा है। जबकि टेलिप्रॉम्टर की भी सुविधा स्टूडियो में है। यही नहीं यहां ग्रीन स्क्रीन भी लगायी गयी है। जिससे वीडियो बेहद उच्च क्षमता का बनता है। इस स्टूडियो में विश्वविद्यालय ने विभिन्न तकनीकी कोर्सेस के पांच हजार से ज्यादा वीडियो बनवाया है। जो स्वयंप्रभा चैनल के अलावा विश्वविद्यालय के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध हैं। जबकि विभिन्न सरकारी संस्थान जैसे, माध्यमिक शिक्षा विभाग, एससीईआरटी ने अपने वीडियो स्टूडियो में बनाये हैं। वहीं सामाजिक कार्य करने वाले भी भी स्टूडियो का इस्तेमाल वीडियो बनाने के लिए कर सकते हैं। कुलपति प्रो. जेपी पांडेय के अनुसार यह निर्णय छात्रहित और समाज में जागरूकता लाने के लिए लिया गया है। स्टूडियो में एक ओर जहां शैक्षणिक संस्थान विभिन्न प्रकार के कोर्सेस को ऑनलाइन करने के लिए वीडियो बनाएंगे तो वहीं सरकारी संस्थान विभिन्न जागरूकता वाले वीडियो का निर्माण कर सकेंगे।