मीरा ने दी थी वृन्दावन के पुजारी को चुनौती : दयानन्द पाण्डेय
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मीराबाई जयन्ती के अवसर पर सोमवार को सात विभूतियों को मीराबाई सम्मान से अलंकृत किया गया। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा प्रेस क्लब में आयोजित 79वीं लोक चौपाल में मीराबाई जयन्ती संगोष्ठी और सम्मान समारोह में वक्ताओं ने मीराबाई के पदों की सराहनीय प्रस्तुतियां भी दीं।
मुख्य अतिथि दयानन्द पाण्डेय ने कहा कि वृन्दावन के एक प्रसिद्ध मन्दिर में नाचते गाते मीरा ने दस्तक दी तो पुजारी ने उनको रोक दिया और बताया कि यहां स्त्रियों का प्रवेश वर्जित है। मीरा ने कहा कि तुम पुरुष हो तो सिद्ध करो। यहां केवल एक ही पुरुष गिरधर है। सच मायने में मीरा को वृन्दावन ने स्वीकार नहीं किया और वो बाद में द्वारका चली गयीं। श्री पाण्डेय ने कहा कि मीरा वक्तव्य की नहीं अपितु नाचने व गाने का विषय हैं।

वरिष्ठ लोक गायिका विमल पन्त, पद्मा गिडवानी, डा. रामबहादुर मिश्र, इन्द्रा श्रीवास्तव, मुनालश्री विक्रम बिष्ट, आनन्द महाराज, डा. राकेश ऋषभ, डा. करुणा पाण्डेय ने भी मीराबाई पर अपने विचार रखे। विशिष्ट सांगीतिक योगदान के लिए गाजियाबाद की डा. मुक्ता वार्ष्णेय, लखनऊ की आशा श्रीवास्तव, मनु राय, अपर्णा सिंह, सुषमा प्रकाश, शिखा श्रीवास्तव एवं दीपाली शर्मा को वर्ष 2025 का मीराबाई सम्मान प्रदान किया गया।

शुभारम्भ मीहिका, अविका, अथर्व, आद्रिका, गुनाश्री ने मीरा के पद गाये और मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। चौपाल प्रभारी अर्चना गुप्ता ने संचालन, संस्था की सचिव डा. सुधा द्विवेदी ने स्वागत और डा. एस.के. गोपाल ने आभार ज्ञापन किया।
इस दौरान सर्वेश माथुर, बलराम मिश्र, अनिल पाण्डेय, सुधीर सिंह, राज वर्मा, निवेदिता भट्टाचार्य, सरिता अग्रवाल, सीमा अग्रवाल, वीना सक्सेना, देवेश्वरी पंवार, रागिनी अग्रवाल, अनुपमा चित्रांश, रेनू दुबे, मालविका राय, अलका चतुर्वेदी, मीना मिश्रा, संगीता खरे, इन्दु सारस्वत, रीता पाण्डेय, नीलम वर्मा, सौम्या गोयल, मृदुला पाण्डेय, डा. अनिल गुप्ता, गगन शर्मा, अंशुमान मौर्य, हिमांशु गर्ग, अर्पित श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।