- जयंती पर याद किए गए राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त
- कवि सम्मेलन और नृत्य नाटिका यशोधरा का मंचन
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। गहोई वैश्य सेवा समिति के तत्वाधान में रविवार को राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की 139वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। गोमती नगर के एफिल क्लब में आयोजित कार्यक्रम के एक सत्र में कवि सम्मेलन तथा दूसरे सत्र में विचार संगोष्ठी व सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं।
इस दौरान राष्ट्रकवि गुप्त के व्यक्तित्व व कृतित्व पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे। उन्होंने नई पीढ़ी को साहित्य से जोड़ने व राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता बताई। गहोई समाज के अध्यक्ष विनोद कुमार गुप्ता एवं महामंत्री ज्ञानेंद्र कठिल ने मैथिलीशरण गुप्त को भावों की सूक्ष्मतम अभिव्यक्ति करने वाला कुशल चितेरा बताया।

वरिष्ठ कवयित्री अर्चना गुप्ता के संचालन में हुए कवि सम्मेलन में श्वेता शुक्ला ने “मुझे फर्ज अपने निभाना है लेकिन किसी की निगाहों में आना नहीं है…”, गोपाल ठहाका ने “होगा आज धमाल नगरी में रसखान की आया है गोपाल…”, अशोक गुप्त अचानक ने “अजनबी सा शहर अब लगने लगा है हवाओं में भी जहर लगने लगा है…” जैसी कविताओं पर खूब तालियां बटोरीं।

विनोद कुमार गुप्ता भावुक, शिवमंगल सिंह मंगल सहित लखनऊ व कानपुर से आये कवियों ने राष्ट्रकवि को अपनी भावांजलि अर्पित की। सांस्कृतिक सत्र में स्वरा त्रिपाठी ने कजरी पर मनमोहक नृत्य किया। वहीं स्नेहा रस्तोगी ने यशोधरा पर केन्द्रित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। अंत में महामंत्री ज्ञानेंद्र गुप्ता ने सभी आगंतुकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से शशि रावत, रश्मि हूंका, संजय गुप्ता, आलोक सेठ, अंकित गुप्ता, राजीव गुप्ता सहित समाज के वरिष्ठजन, संगठन पदाधिकारी व अन्य उपस्थित रहे।
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