- एकेटीयू में प्रोटोटाइप एक्सपों में छात्रों के नवाचार ने किया आकर्षित
- तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद छात्रों ने बनाये नवाचार के मॉडल, कुलपति प्रो. जेपी पाण्डेय ने मॉडल देखकर छात्रों को सराहा
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में शनिवार को छात्रों के बनाये प्रोटोटाइप एक्सपो का प्रदर्शन किया गया। छात्रों ने यह प्रोटोटाइप ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग और एरा फाउंडेशन की ओर से कलाम प्रगति कार्यक्रम के तहत रोबोटिक्स और इनोवेशन और डिजाइन थिंकिंग में तीन महीने का प्रशिक्षण को प्राप्त कर बनाया है।
इसमें एरा फाउंडेशन के एक्सपर्ट ने तीन महीने में छात्रों का मार्गदर्शन किया। उन्हें रोबोटिक्स और इनोवेशन व डिजाइन थिंकिंग के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही छात्रों के प्रोजेक्ट पर बारीकी से नजर रखी। इसके बाद छात्रों की 60 टीमों ने अपने प्रोटोटाइप मॉडल को बनाया। किसी ने तकनीकी का प्रयोग कर कैनाल ओवरफ्लो अलर्ट सिस्टम बनाया तो कोई घर में खेती करने में सहायता करने वाली डिवाइस का निर्माण किया। अपने आप में युनिक ये नवाचार छात्रों प्रतिभा और नवाचार संस्कृति को बयां कर रहे थे।
कुलपति ने बढ़ाया उत्साह, दिये सुझाव
एक्सपो के दौरान कुलपति प्रो. जेपी पाण्डेय ने छात्रों के बनाये प्रोटोटाइप को बड़ी बारीकी से देखा। उन्होंने छात्रों का उत्साह बढ़ाया, साथ ही उनके नवाचार को और बेहतर बनाने के लिए जरूरी टिप्स भी दिये। इस मौके पर उन्होंने कहा कि तीन महीने का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इस तरह के मॉडल बनाना काफी प्रेरणादायक है। छात्रों को अपने नवाचार को और आगे ले जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी ऐप्लिकेशन इंटरकनेक्टेड हैं। छात्रों को गुरूमंत्र भी दिया। यदि आज के दौर में बने रहना है तो हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने की जरूरत है। इस दौरान प्रतिकुलपति प्रो0 राजीव कुमार, डीन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रो0 नीलम श्रीवास्तव, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 ओपी सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
कैनाल ओवर फ्लोइंग अलर्ट सिस्टम
टीम टेक पेंटा ने अल्ट्रासॉनिक सेंसर का प्रयोग कर ऐसा सिस्टम बनाया है जो किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है। अक्सर नहरों में ओवरफ्लो होने से किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो जाती है। इस समस्या के समाधान के रूप में छात्रों ने कैनाल ओवर फ्लोइंग अलर्ट सिस्टम बनाया है, जो नहर के ओवर फ्लो होने के पहले ही किसानों को उनके मोबाइल पर चेतावनी दे देगा। यह सिस्टम नहरों पर लगाया जाएगा। इसे छात्र अरहान, सचिन, प्रभा, शिवांश और आयुष ने मिलकर बनाया है।
छत और बाल्कनी में खेती करने में सहायक होगा वेजी बडी
घर की खाली छत और बाल्कनी में खेती करना चाहते हैं लेकिन समझ में नहीं आता कि कैसे करें तो इस समस्या का समाधान भी छात्रों ने निकाला है। टीम पांडवा ने वेजी बडी नाम से एक ऐप और डिवाइस बनाया है। जिसकी मदद से घर में खेती करना आसान हो जाएगा। ऐप के जरिये बीज से लेकर उसके खाद पानी, बिमारियों, दवा का छिड़काव, कितनी जगह में कितना बीज होना चाहिए सबकी जानकारी मिल जाएगी। इसके अलावा डिवाइस मोबाइल से कनेक्ट होगी। ताकि पौधों को कितना और कब पानी, खाद की जरूरत है इसका मोबइल पर संदेश मिल जाएगा।
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