लोक चौपाल में मनायी गयी सूरदास जयंती, गूंजा “रे मन धीरज क्यों न धरै…”

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। महाकवि सूरदास की जयंती पर शुक्रवार की शाम उनके भक्ति पदों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा इन्दिरा नगर के ईश्वरधाम मन्दिर परिसर में आयोजित लोक चौपाल में सूरदास के भक्ति पदों के गायन का प्रशिक्षण देने वाले वरिष्ठ संगीतज्ञ राकेश श्रीवास्तव को सम्मानित भी किया गया। अध्यक्षता चौपाल चौधरी पद्मा गिडवानी ने की।

कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वन्दना से हुआ। भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ लोक गायक राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि सूरदास ने समाज में धैर्य, सहनशीलता और विश्वास की भावना के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरणादायक संदेश दिया जो आज भी प्रासंगिक है।

चौपाल में सामूहिक रूप से महिलाओं ने सूरदास के पद बधइया बाजे नन्द दुआरे, कहन लागे मोहन मैया मैया, बिन गोपाल बैरिनि भई कुंजैं, ऊधौ तुम हौ अति बड़भागी, रे मन धीरज क्यों न धरै तथा मैया कबहिं बढ़ैगी चोटी जैसे गीतों की प्रस्तुति दी।

कलाकारों में डॉ. अपूर्वा अवस्थी, मधु माथुर, सुषमा प्रकाश, वन्दना शुक्ला, ज्योति किरन रतन, वीना सक्सेना, रचना गुप्ता, रेखा मिश्रा, देवेश्वरी पंवार, अनुज श्रीवास्तव, सरिता अग्रवाल, रिंकी सिंह, शशि सिंह, अंजलि सिंह, रीता पाण्डेय, कुमकुम मिश्रा आदि प्रमुख रहे।

नृत्य गुरु निवेदिता भट्टाचार्य के निर्देशन में मीहिका, अविका, ब्रम्हास्मि सिंह, अमेया, कर्णिका एवं सुमन मिश्रा ने दीनन दुख हरन देव संतन हितकारी पर मनमोहक नृत्य किया। शारदा पाण्डेय, नीरा मिश्रा, डा. उषा बाजपेयी, रंजना शंकर, रागिनी अग्रवाल, पल्लवी निगम आदि ने भी प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष जीतेश श्रीवास्तव, सचिव डॉ. सुधा द्विवेदी, एस.के. गोपाल, अंबुज अग्रवाल, शशांक शर्मा, सोहम मिश्र सहित अन्य उपस्थित रहे।