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बूढ़ेनाथ बाबा धाम को मिला नया अध्यात्मिक उत्तराधिकारी

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। रायबरेली जनपद स्थित प्राचीन बूढ़ेनाथ बाबा धाम, ग्राम ऐहरी (ब्लॉक उंचाहार) में आज एक ऐतिहासिक आध्यात्मिक उत्तराधिकार की घोषणा की गई। महंत श्री रमेश्वरानंद गिरी जी महाराज ने पिछले पचास वर्षों तक बूढ़ेनाथ बाबा की सेवा, मंदिर निर्माण, प्रबंधन, गंगा जल व्यवस्था, गौरीकुंड का पुनरुद्धार और शक्ति पीठ की आधारशिला रखकर क्षेत्र को एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया। अब अपने स्वास्थ्य कारणों से सक्रिय सेवा से विरत हैं और चंडीगढ़ स्थित नांगली धाम में ध्यान-साधना में लीन हैं।

लगभग 90 वर्ष की आयु में भी रमेश्वरानंद महाराज आज भी श्रद्धालुओं के हृदय में श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक बने हुए हैं। उनके आशीर्वाद और अनुमति से अब धाम की सेवा और आध्यात्मिक दिशा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी कबीर जी महाराज ने ग्रहण की है। नव नियुक्त महंत कबीर जी महाराज एक ऊर्जा चिकित्सा विशेषज्ञ, आध्यात्मिक पथप्रदर्शक, तथा प्राचीन भारतीय तंत्र और योग साधना के गहन साधक हैं। उन्होंने वर्षों से भारतवर्ष में भूत शुद्धि, मंत्र चिकित्सा, अग्नि साधना, पंचमहाभूत संतुलन और ध्यान विज्ञान के माध्यम से हज़ारों लोगों को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक रूप से सशक्त किया है।

“शक्ति के बिना न साधना संभव है, न चिंतन और न ही क्रियान्वयन।” इसी सोच के साथ वे बूढ़ेनाथ बाबा धाम को एक ऊर्जा साधना केंद्र और भारतीय ज्ञान परंपरा की पुनर्स्थापना के स्थल के रूप में विकसित कर रहे है।

कबीर जी महाराज की योजना के अनुसार, बूढ़ेनाथ बाबा धाम में भूत शुद्धि केंद्रों की स्थापना, युवाओं और ग्रामीण जनमानस को ध्यान, योग और ऊर्जा चिकित्सा के माध्यम से सशक्त करना, मंदिर परिसर को साधना-आधारित ऊर्जा केंद्र, ज्ञान-प्रशिक्षण शिविर एवं प्राचीन आध्यात्मिक विज्ञान की शोध प्रयोगशाला के रूप में विकसित करना प्रस्तावित है। धाम में पारंपरिक शिव उपासना के साथ-साथ आधुनिक ऊर्जा दृष्टिकोण को जोड़ने का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है।