- कार्यक्रम में देश भर से निजी, सार्वजनिक और सहकारी बैंकों और एनबीएफसी के 100 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया
मोहाली (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। एचडीएफसी बैंक और भारत सरकार की कंपनी सेंट्रल रजिस्ट्री ऑफ सिक्यूरिटाइजेशन एसेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्योरिटी इंटरेस्ट (सीईआरएसएआई) ने सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआरआर) पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य ‘अपने ग्राहक को जानें’ (केवाईसी), ‘एंटी मनी लॉन्ड्रिंग’ (एएमएल) और सीकेवाईसीआरआर पर उपलब्ध केवाईसी डेटा के उपयोग और सीकेवाईसीआर डेटा का उपयोग करते समय अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करना था, जिससे एक सुरक्षित और पारदर्शी वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हो और वित्तीय संस्थानों को धोखाधड़ी और संपत्ति के दोहराव के जोखिम से बचाया जा सके।
कार्यक्रम में पूरे भारत के निजी, सार्वजनिक और सहकारी बैंकों तथा एनबीएफसी के 100 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें भारत सरकार, वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), फायनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट, सीईआरएसएआई तथा एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
एचडीएफसी बैंक के कार्यकारी निदेशक भावेश जावेरी ने सीईआरएसएआई के विकास पर बात की जो पिछले कुछ वर्षों में डेटा तथा ग्राहकों के केवाईसी दस्तावेजों का एकल बिंदु भंडार बन गया है। संगठन के पास वर्तमान में 7,000 से अधिक रिपोर्टिंग संस्थाएं पंजीकृत हैं, जो लगभग 100 करोड़ ग्राहकों को कवर करती हैं, जिसका लाभ सभी रिपोर्टिंग संस्थाओं द्वारा उठाया जा सकता है। उन्होंने ‘सेंट्रल केवाईसी’ (सीकेवाईसी) के उपयोग के क्षेत्र में दिए गए समर्थन के लिए आरबीआई को धन्यवाद भी दिया।
सीईआरएसएआई के एमडी और सीईओ उमेश कुमार सिंह ने इस अवसर पर बात करते हुए सीईआरएसएआई को सीकेवाईसी के तहत रिकॉर्ड प्रस्तुत करने की प्रक्रिया तथा ग्राहक पहचान के लिए इसके उपयोग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि ग्राहक किस प्रकार मिस्ड कॉल के माध्यम से या सीईआरएसएआई की वेबसाइट से उल्लिखित चरणों का पालन करके अपना सीकेवाईसी नंबर प्राप्त कर सकते हैं। श्री सिंह ने मोहाली स्थित बैंक हाउस में यह कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एचडीएफसी बैंक को धन्यवाद दिया।
केवाईसी एएमएल पर आरबीआई के नवीनतम मास्टर निर्देश के आधार पर सीईआरएसएआई को रिकॉर्ड प्रस्तुत करने से संबंधित अन्य परिचालन मुद्दों पर भी चर्चा की गई और उन्हें स्पष्ट किया गया।