- 4G और 5G नेटवर्क की ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी लाने के लिए ‘ग्रीन 5G’ पहल का शुभारंभ
- इस समाधान से वार्षिक कार्बन पदचिह्न में अनुमानित 143,413 मीट्रिक टन CO2 की कमी आने की संभावना
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारती एयरटेल और नोकिया ने आज “ग्रीन 5G” पर एक अभिनव सहयोग की घोषणा की। यह एक ऐसी पहल है जिसका उद्देश्य एयरटेल के मोबाइल नेटवर्क में ऊर्जा-कुशल समाधान और प्रथाओं को लागू करना है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना एआई /एमयल जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के साथ-साथ उन्नत सॉफ्टवेयर सुविधाओं और नवीन समाधानों का उपयोग करते हुए एयरटेल के विस्तृत 4G/5G रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आर ए एन) में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित होगी।
यह व्यापक समाधान पीक और ऑफ-पीक अवधि में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने की उम्मीद रखता है और इससे एयरटेल के कार्बन उत्सर्जन में वार्षिक रूप से 143,413 मीट्रिक टन CO2 की कमी आने की संभावना है।
रणदीप सेखों (सीटीओ, भारती एयरटेल) ने कहा, “डेटा की बढ़ती मांग के जवाब में, विशेष रूप से 5G तकनीक के रोलआउट के साथ, भारत भर में मोबाइल नेटवर्क का तेजी से विस्तार हुआ है। भारती एयरटेल में, संधारणीय विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता ने हमें नोकिया के साथ सहयोग करने के लिए प्रेरित किया है। इस साझेदारी से हम नवाचारी समाधानों का लाभ उठाकर ऊर्जा की पर्याप्त बचत कर सकते हैं, जिससे हम अपने कार्बन पदचिह्न को काफी कम कर सकते हैं और अपनी व्यावसायिक रणनीति के अनुरूप अपने पर्यावरणीय उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में समर्थ हो सकते हैं।”
तरुण छाबड़ा (प्रमुख मोबाइल नेटवर्क, नोकिया, इंडिया) ने कहा, “हम देश में संधारणीय नेटवर्क प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए भारती एयरटेल के साथ साझेदारी करके बहुत उत्साहित हैं। नोकिया ने 2040 तक वैश्विक स्तर पर शुद्ध-शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की स्थिति प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। हमारी नावाचारी तकनीकें न केवल संचार नेटवर्क के समग्र प्रदर्शन को बढ़ाएंगी बल्कि उनकी ऊर्जा खपत को भी काफी कम करेंगी, जिससे हमारे ग्राहकों को उनके ऊर्जा दक्षता लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में योगदान मिलेगा।”
इस सहयोग के प्रमुख पहलू
• शून्य-ट्रैफिक, शून्य-वाट संचालन का लक्ष्य: यह समाधान बिना ट्रैफिक की अवधि के दौरान रेडियो नेटवर्क की बिजली खपत को बहुत कम वाट तक कम कर देता है, जिससे बिजली की बचत होती है और ऊर्जा प्रबंधन का अनुकूलन होता है।
• नोकिया की उन्नत ऊर्जा-बचत सुविधाओं का एयरटेल के एआई /यमयल एल्गोरिदम के साथ संयोजन: कंपनियों ने अपने 4G और 5G रेडियो संसाधनों में उन्नत ऊर्जा-बचत सॉफ्टवेयर को स्वचालित और परिष्कृत करने के लिए एआई/यमयल का उपयोग किया है।
• बेहतर ऊर्जा दक्षता के लिए डिजिटल डिजाइन की ओर बढ़ना: कंपनियों ने कम प्रेषित की जाने वाली शक्ति को कम करने के लिए सेल कॉन्फिगरेशन को अनुकूलित करने हेतु उन्नत डिजिटल डिजाइन उपकरणों का परीक्षण किया है। यह डिजिटल डिजाइन, नेटवर्क के कार्य संचालन या उपयोगकर्ता अनुभव को खराब किए बिना CO2 पदचिह्न और ऊर्जा बिलों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। यह पीक और ऑफ-पीक दोनों समय में नेटवर्क दक्षता को अच्छा बनाए रखने में योगदान करता है।
• रीफशार्क सिस्टम-ऑन-चिप का उपयोग: नवीनतम पीढ़ी की सिस्टम-ऑन-चिप (एस ओ सी) वास्तविक प्रसंस्करण आवश्यकताओं के अनुरूप आंतरिक संसाधनों को अनुकूलित करके बेहतर ऊर्जा दक्षता प्रदान करती है, ट्रैफिक लोड के आधार पर बिजली की खपत को अनुकूलित करती है। इस नई पीढ़ी के प्लेटफॉर्म से ऊर्जा खपत में 15% की अतिरिक्त कमी आएगी।
एयरटेल ने अपने परिचालन में उत्सर्जन को कम करने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं और इन प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने के लिए कई प्रमुख पहलें लागू कर रही है। इनमें ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना, ओपन-एक्सेस ग्रीन एनर्जी का उपयोग करना और अपने पूरे नेटवर्क में नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को अपनाना शामिल है। कंपनी अधिक जलवायु-लचीला बुनियादी ढांचा भी बना रही है, संसाधन दक्षता में सुधार कर रही है और अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को बेहतर पर भी काम कर रही है। उल्लेखनीय है कि एयरटेल ने अब तक लगभग 25,000 साइटों पर सौर ऊर्जा संचालित प्रणालियां स्थापित की हैं और अपने डेटा केंद्रों में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग में काफी वृद्धि की है, वित्त वर्ष 2024 में ग्रीन पावर व्हीलिंग समझौतों और कैप्टिव सोलर रूफटॉप Mostly के माध्यम से 220,541 एम डब्लू एच की सोर्सिंग की है।