महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण का संदेश लेकर पूरे भारत का भ्रमण करने निकली साइकलिस्ट आशा मालवीय अभी तक 22 राज्यो में 19000 किलोमीटर दूरी तय कर चुकी हैं
लखनऊ। महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण का संदेश लेकर अकेले पूरे भारत का भ्रमण करने निकली साइकलिस्ट आशा मालवीय ने आईटीबीपी के महानिरीक्षक श्याम मेहरोत्रा और ब्रिगेडियर प्रणव जायसवाल से मुलाकात की। इस मुलाकात में महानिरीक्षक श्याम मेहरोत्रा ने आशा के हौसले की सराहना की, अभी तक यात्रा के अनुभव के बारे में जाना और आगामी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देते हुए उनका हौसला बढ़ाया। आशा ने श्री मेहरोत्रा को बताया कि इस यात्रा में उन्हें महिलाओं के लिए किये जा रहे कार्यों को जानने का भी मौका मिला। उन्होंने कहाकि राज्य में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है.
मध्य प्रदेश से चलकर दिल्ली तक साइकिल यात्रा करने निकली आशा मालवीय बुधवार को लखनऊ पहुंची। इस यात्रा में देश के 28 राज्यों में कुल 25 हजार किमी की दूरी तय की जानी है। लोग उनके हौसले और जज्बे को सलाम कर रहे हैं। आशा मालवीय अब तक 22 राज्यों का भ्रमण कर चुकी हैं। वो अब तक अपनी साईकिल यात्रा के तहत 19000 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुकी हैं।
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के नाटाराम गांव की रहने वाली सोलो साइक्लिस्ट आशा मालवीय 25 हजार किमी की यात्रा पर निकली हैं। उनका लक्ष्य देश के सभी राज्यों तक पहुंचना है। बुधवार को यूपी के लखनऊ पहुंचीं। यहां उनका स्वागत किया गया और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात हुई। महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण का संदेश लेकर आशा संपूर्ण भारत की साइकिल यात्रा पर निकली हैं। लोग उनके हौसले और जज्बे को सलाम कर रहे हैं।आशा ने बताया कि वह राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी व पर्वतारोही भी हैं। महिलाओं को अपनी सुरक्षा तथा सशक्तिकरण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से साइकिल यात्रा कर रही हैं। आशा अब तक वह 22 राज्यों का भ्रमण कर चुकी हैं। बताया कि 25 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी करने का संकल्प लेकर वह निकली हैं। आशा ने अपनी यात्रा के दौरान अपने अच्छे-बुरे अनुभवों को भी साझा किया।
इसके साथ ही वह यात्रा के दौरान 16 राज्यों के मुख्यमंत्री, 17 प्रांतों के राज्यपाल व 15 प्रदेशों के पुलिस प्रमुखों तथा लगभग 100-100 आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से मुलाकात कर चुकी है। अपने संदेश में उन्होंने महिलाओं के बारे में कहा कि उनके मन में यह बात बैठाने की जरूरत है कि हमारे देश में महिलाएं सुरक्षित हैं और उनकी सुरक्षा के प्रति देश एवं प्रदेश की सरकारों द्वारा बराबर ध्यान दिया जा रहा है।
आशा ने कहा कि हम महिलाओं को भी अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना होगा। सारी जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं है। उन्होंने देश के युवाओं के बारे में कहा कि युवा पीढ़ी को अपने काम में असफल होने पर निराशा के भाव मन से निकाल कर हिम्मत से काम ले। हार के आगे जीत की धारणा मन में बैठा कर युवा आगे बढ़ सकते है। आशा ने बताया कि 15 अगस्त को देश की राजधानी दिल्ली पहुंच कर वह अपनी यात्रा को विराम देंगी।
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