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महिलाएं विश्व का विशालतम अप्रयुक्त प्रतिभा कोश – डॉ. एन. कलैसेल्वी

लखनऊ। यह कई वर्ष पूर्व का एक प्रसिद्ध उद्धरण था।  विश्व भर में महिलाओं ने बार-बार अपनी ताकत साबित की है कि वे किसी से पीछे नहीं हैं। महिलाओं ने शोधकर्ताओं, प्रशासकों या सफल उद्योग के नेताओं सहित हर रूप में अपनी शक्ति प्रमाणित किया है। वे अब उन क्षेत्रों में भी अनेक महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं जिन्हें अब तक उनकी पहुंच से बाहर माना जाता था।

सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-आईआईटीआर), लखनऊ सीएसआईआर-केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीएफटीआरआई), मैसूर और लखनऊ चैप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ फूड साइंटिस्ट्स एंड टेक्नोलॉजिस्ट्स-इंडिया (एएफएसटीआई-एलकेओ) के सहयोग से खाद्य विज्ञान और विषविज्ञान के क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका को अभिस्वीकार करने एवं उत्सव मनाने हेतु “वीमेन इन एकेडेमिया, रिसर्च एंड मैनेजमेंट ऑफ फूड सेफ़्टी एंड टॉक्सिकोलोजी (वार्म-फॉस्ट:   डबल्यूएआरएम-एफ़ओएसटी)” विषय पर 24 एवं 25 फरवरी को दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। 

डॉ. एन. कलैसेल्वी (महानिदेशक, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद और सचिव, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार) ने शुक्रवार को इस सम्मेलन (वार्म-फॉस्ट) का उद्घाटन किया। उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन महिला वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकी विदों और उद्यमियों को खाद्य सुरक्षा, विषविज्ञान, जन स्वास्थ्य एवं प्रौद्योगिकी एवं उद्यमिता के बहु-विषयक पहलुओं में अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने हेतु एक मंच प्रदान करेगा। 

इससे पूर्व डॉ. भास्कर नारायण (निदेशक, सीएसआईआर-आईआईटीआर) ने सम्मेलन आयोजित करने की पृष्ठभूमि के विचार से सभा को अवगत कराया। 

सम्मेलन के उदघाटन से पूर्व डॉ. कलैसेल्वी ने सुगंधित पौधे एवं फूलों के पौधे लगाकर एक “जिज्ञासा अरोमा गार्डेन” समर्पित किया। महानिदेशक ने संस्थान के नए लोगो का भी अनावरण किया जो कि संस्थान के आदर्श वाक्य “पर्यावरण एवं स्वास्थ्य की सुरक्षा तथा उद्योग की सेवा” के प्रति संस्थान के नए उत्साह और ऊर्जा को दर्शाता है।

डॉ. कलैसेल्वी ने एसोसिएशन ऑफ फूड साइंटिस्ट्स एंड टेक्नोलॉजिस्ट्स-इंडिया (एएफएसटीआई) के लखनऊ चैप्टर का भी उद्घाटन किया। इसी दौरान डॉ. कलैसेल्वी ने सीएसआईआर-आईआईटीआर में सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में तकनीकी सफलताओं और नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा शुरू किए गए “एक सप्ताह, एक प्रयोगशाला” (“वन वीक वन लैब”) अभियान का भी शुभारंभ किया। 

इस आयोजन का मुख्य आकर्षण संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के अवसर पर मिलेट रेसिपी बुक का विमोचन था। उद्घाटन समारोह को पद्म उषा चौमार (अध्यक्ष, सुलभ इंटरनेशनल) ओलंपियन और पद्म सुधा सिंह, डॉ. राधा रंगराजन (निदेशक, सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान) लखनऊ और डॉ. श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह (निदेशक, सीएसआईआर-केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान मैसूर ने सुशोभित किया। 

उद्घाटन कार्यक्रम के उपरांत डॉ. एन. कलैसेल्वी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने आम नागरिकों के जीवन और आजीविका में सुधार करने वाले सीएसआईआर के विभिन्न मिशन मोड कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा किया।

WARM-FoST सम्मेलन से संकेत लेते हुए, महानिदेशक, CSIR ने कहा कि CSIR महिलाओं को सशक्त बनाने में अग्रगामी है ताकि उन्हें जीवन के क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाया जा सके। यहां तक कि अकादमिक शाखा, एसीएसआईआर (AcSIR) ने डॉक्टरेट कार्यक्रम में महिलाओं के नामांकन में वृद्धि देखी है। सीएसआईआर ‘उन्हें कम उम्र में पकड़ने’ में विश्वास करता है और स्कूली बच्चों के लिए जिज्ञासा कार्यक्रम का उद्देश्य कम उम्र में ही वैज्ञानिक सोच पैदा करना है। इसी तर्ज पर, सीएसआईआर का कौशल विकास प्रयास युवाओं की क्षमता को दिशा देने और उन्हें रोजगारपरक बनाने का एक प्रयास है।

सम्मेलन में कई बड़े रोचक सत्र हुए जिसमें ड्राइविंग इनोवेशन इन रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इंस्पायरिंग चेंज थ्रो लर्निंग एंड लीडिंग, पर्सुइंग क्रिएटिविटी आदि प्रमुख रूप से  उल्लेखनीय हैं। इन दिलचस्प सत्रों ने सम्मेलन में भाग लेने वालों को मंत्रमुग्ध कर दिया।