लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। आंचलिक विज्ञान नगरी एवं इन्नोवेशन सेंटर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय ‘तोड़फोड़ जोड़ कार्यशाला’ का शनिवार को समापन हो गया।
कार्यक्रम की श्रृंखला के दूसरे दिन प्रतिभागी विद्यार्थियों हेतु नवाचार पर आधारित दो प्रतियोगिताएं क्रमशः ‘कबाड़ से जुगाड़’ एवं ‘इनोवेटिव आइडिया प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 10 टीमों ने भाग लिया और दिए हुए टास्क पर कार्य करते हुए विभिन्न प्रोजेक्ट्स का निर्माण किया। तोड़ फोड़ जोड़ कार्यशाला के अंतर्गत विद्यार्थियों ने अन्य घरेलू उपकरणों जैसे कि मोबाइल फोन, घड़ी, ताला, कंप्यूटर, डोर-बेल, पंखा इत्यादि को खोलकर पुनः स्थापित करते हुए उसकी कार्य प्रणाली को भली भांति सीखा।
समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश के पूर्व संयुक्त निदेशक डॉ. राजेश चतुर्वेदी ने तोड़ फोड़ जोड़ कार्यशाला के माध्यम से बच्चों में नवीनता का विकास उत्पन्न करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने बताया कि बच्चे अच्छे श्रोता होते हैं और वह अच्छे समीक्षक बन सकते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को सुझाव दिया कि उन्हें अपना दिमाग नवीनता उत्पन्न करने हेतु विकसित करना चाहिए। जिससे कि वह आने वाले समय में हमारे राष्ट्र को आगे ले जा सके तथा स्वतंत्र वातावरण में रचनात्मक कार्य कर सकते हैं।
उन्होंने बच्चों को विज्ञान के प्रति जिज्ञासा हेतु बधाई भी दी और कहाकि वैज्ञानिक एवं तकनीकी मनोवृति का व्यावहारिक रूप से विस्तार किया जा सकता है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. चतुर्वेदी ने प्रतिभागी बच्चों द्वारा निर्मित प्रोजेक्ट्स का अवलोकन किया और विजय प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया। कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी विद्यालयों से लगभग 250 विद्यार्थियों ने भाग लिया।